Bundeli Gaurav |
|
Advertisements |
|
Website Launch on 28.01.2010 at IIC, New Delhi |
|
EDITORIAL |
Shri Jagannath Singh, I.A.S.(Retd.) |
अपना बुंदेलखंड डॉट कॉम परिवार के सदस्यों को "रामनवमी" की शुभकामनायें। राम जिन्होंने बुंदेलखंड के चित्रकूट क्षेत्र में संकल्प लिया कि "निश्चर हीन महि करूँ , भुज उठाहि प्रण (Read More)
|
|
|
|
|
|
Home » 2010 » February » 15
सागर (वा)। जिले
के ग़ढ़ाकोटा कस्बे में राज्य के पंचायत मंत्री के निवास के पास एक मकान में
रविवार विस्फोट होने से एक व्यक्ति की मौत हो गई और पांच घायल हो गए।
पुलिस
के मुताबिक ग़ढ़ाकोटा के भगतसिंह वार्ड में स्थित प्रदेश के पंचायत मंत्री
गोपाल भार्गव के निजी निवास के क्षेत्र में आज राजेश गुप्ता नामक व्यक्ति
के मकान में विस्फोट हुआ, जहाँ फटाखे बनाने का काम होता था। इस घटना में एक
व्यक्ति की मौत हो गई, जिसकी अभी तक शिनाख्त नही हो पाई है। पांच घायलों
को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। सूत्रों ने बताया कि घटना के बाद
विस्फोट वाला मकान गिर जाने से क्षेत्र में अफरा तफरी मच गई।
श्री
भार्गव ने बताया कि उनके मकान के खि़ड़कियों के कांच फूट गए हैं और मकान में
हल्की दरार भी आई है। आसपास के मकान भी क्षतिग्रस्त हुए हैं।
|
टीकमगढ़। खेतों में ओलों से मची तबाही देख रो रहे किसानों के बीच जब
अचानक राज्यमंत्री हरिशंकर खटीक पहुंचे, तब ऐसे किसानों को कुछ आस बंधी।
फिर क्या राज्यमंत्री ने अपने मोबाइल फोन से ऐसे बिलख रहे किसानों की सीधी
बात मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से कराई। किसानों का दर्द सुन
मुख्यमंत्री से रहा नहीं गया और उन्होंने कह दिया कि वे जल्द क्षेत्र में आ
रहे हैं। इसी बीच खबर आई कि मुख्यमंत्री 15 फरवरी को सुबह करीब 11 बजे
खरगापुर के पास सिजौरा गांव में पहुंच रहे हैं।
खरगापुर के पास फुटेर चक्र 1 और 2 गांवों के खेत पूरी तरह ओलावृष्टि से
प्रभावित हैं। यहां के किसान अपने-अपने खेतों में नष्ट फसल को देखकर रोने
की स्थिति में हैं। इसी बीच जब बीते रोज जतारा के विधायक और राज्यमंत्री
हरिशंकर खटीक पहुंचे, तब किसानों में कुछ आस जगी। मंत्री श्री खटीक वाहन से
उतरे और सीधे खेतों की ओर निकले, उनके साथ गांव के किसान भी खेतों में
पहुंचकर फसल बता रहे थे। सौ ग्राम से दो सौ ग्राम ओले की जानकारी तो हर कोई
दे रहा था, लेकिन 1 किलोग्राम से कहीं अधिक वजन वाले ओले बताने के लिए भी
...
Read more »
|
सागर में विश्व विद्यालय की स्थापना के बाद अब छतरपुर में यूनिवर्सिटी खोले
जाने की मांग तेज हो गई है। इसको लेकर बड़े स्तर पर आंदोलन हो चुकने के
बाद अब शासन भी इस मांग पर गौर कर रहा है। इस बीच एक बार फिर नगरपालिका
परिषद ने यूनिवर्सिटी की मांग का प्रस्ताव मुख्यमंत्री को भेजा है।
नवनिर्वाचित नप अध्यक्ष अर्चना सिंह ने मुख्यमंत्री को नपा परिषद की ओर से
छतरपुर में यूनिवर्सिटी स्थापित करने के लिए मांग पत्र भेजा है। साथ ही
उन्होंने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह से फोन पर बात कर यहां के लोगों की मांग
से अवगत भी कराया है। नपा अध्यक्ष श्रीमती सिंह ने बताया कि सीएम ने
यूनिवर्सिटी के लिए उन्हें आश्वासन दिया है। माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री
आगामी 27 फरवरी के दौरे में इस संबंध में घोषणा कर सकते हैं।
|
दतिया। मध्य प्रदेश के विधायी कार्य मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्र के खिलाफ
स्थानीय अदालत ने वारंट जारी किया है। उन पर पिछले विधानसभा चुनाव में गलत
शपथपत्र देने और मतदाताओं को लालच देने का आरोप है। अदालत ने पुलिस को आदेश
दिया है कि मिश्र को वह 11 मार्च तक गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश करें।
दतिया जिले के हथलई गांव निवासी भानुप्रताप सिंह बुंदेला ने आरोप लगाया है
कि विजयी भाजपा प्रत्याशी मिश्र ने अपनी संपत्ति का गलत ब्यौरा दिया था।
इसमें किसी चार पहिया वाहन का जिक्र नहीं था जबकि मतदान के दिन पक़डी गई
मतदाताओं को ढोने वाली जीप मिश्र के नाम पंजीकृत थी। चूंकि इस जीप के जरिए
मतदाताओं को ढोया जा रहा था, जो उन्हें प्रभावित करने के लिए था।
|
चित्रकूट। एक बार फिर मंदाकिनी को निर्मल बनाने के लिये सरकारी अमले
के साथ जनसमुदाय खड़ा हो गया। धर्मनगरी को मध्य प्रदेश सरकार द्वारा पवित्र
नगर घोषित कर विकास के काम तेजी से कराये जाने के साथ ही शुरु हुये
मंदाकिनी संरक्षण के काम में रविवार को तेजी आ गई। रविवार को जहां डिजायर
ग्रुप के सदस्यों के साथ ही जैतवारा से आये नेहरु युवा केंद्र के
स्वयंसेवकों ने कमान संभाली वहीं स्थानीय लोग भी डटे रहे।
अभियान के पहले चरण में नगर पंचायत अध्यक्ष नीलांशु चतुर्वेदी अपने
डिजायर ग्रुप के सदस्यों व नगर पंचायत के कर्मियों के साथ स्फटिक शिला
परिसर पर नदी से निकाली जा रही घास को निकलवाने में जुटे रहे। यहां पर
मौजूद समाजसेवी अखिलेश शर्मा ने कहा कि मंदाकिनी की सफाई लोगों के श्रम से
होना मुश्किल है। इसलिये सरकार को चाहिये कि इसकी सफाई मानव श्रम के अलावा
मशीनों से करवाई जाये, साथ ही नदी के किनारे बने सभी मंदिरों और मठों को
व्यवस्था दे कि वे अपने सामने के घाटों को साफ रखे व समय-समय पर नदी की
सफाई कराकर मंदाकिनी की धारा को निर्मल बनाने का काम करें। ल
...
Read more »
|
चित्रकूट। देश भर से आये संतों ने मां मंदाकिनी के जल में आचमन कर
श्री चित्रकूट धाम की चौरासी कोस की वृहद परिक्रमा का प्रारंभ जानकीकुंड के
श्री भगवत आराधना स्थल मैथली गली से कर दिया। लगभग सौ साधुओं के जत्थे ने
भगवान कामतानाथ के पूर्वी द्वार में माथा टेककर परिक्रमा के भीतरी भाग से
अपनी यात्रा प्रारंभ की। यह चौरासी कोस की वृदह यात्रा लगभग इक्कीस दिनों
में पूरी होगी।
यात्रा का पहला पड़ाव खोही गांव परिक्रमा मार्ग में भागवताचार्य आचार्य
नवलेश दीक्षित की भागवत कुटीर में था। यहां पहुंचने पर श्री दीक्षित ने
यात्रा के संयोजक महामंडलेश्वर प्रेम दास जी महराज व गोबिंद दास जी महाराज
का स्वागत किया। यात्रा ने यहा से अपना मार्ग बदला और खोही ग्राम के अंदर
से होते हुये शिवरामपुर मार्ग पर आगे रामशैया में गिरधर श्याम फाउंडेशन
द्वारा चलायी जा रही गौशाला पर पहुंची। यहां पर यात्रा का स्वागत विधायक
सदर दिनेश मिश्र, नगर पंचायत अध्यक्ष नीलांशु चतुर्वेदी, हेमराज चतुर्वेदी,
पवन हाजरा, चंद्रिका प्रसाद शुक्ल, भोले राम शुक्ल, राम सुफल मिश्र आदि ने
किया। यहां पर साधू समाज
...
Read more »
|
बांदा। राजकीय महिला महाविद्यालय की स्वयंसेवी छात्राओं ने मलिन
बस्तियों ने वाटर हार्वेस्टिंग (जल संचयन) के संबंध में लोगों को जागरूक
किया। रैली निकाल छात्राओं ने नारे लगाये कि 'पानी बचाओ नहीं सब प्यासे मर
जाओगे।'
शहर के मोहल्ला खिन्नीनाका, मढि़यानाका, खुटला, रहुनिया में छात्राओं
ने जल की महत्ता को समझाते हुये रैली निकाली। नागा बाबा व पंचानन मंदिर
परिसर में जल संरक्षण के उपाय बताये। वहीं आम, अमरूद, अनार, जामुन, गुडहल
आदि के पौधों की निराई-गुड़ाई कर पौंधों तक निर्बाध रूप से पानी पहुंचाने के
लिये छोटी-छोटी नालियों का निर्माण किया। इस दौरान आयोजित गोष्ठी में
कार्यक्रम अधिकारी मीना कुमारी ने शिविरार्थी छात्राओं को संबोधित करते
हुये कहा कि गरीब अपनी बस्ती में एक बावड़ी का श्रमदान कर निर्माण करें
जिसमें वर्षा जल का संचय हो। जो खेती एवं जानवरों की प्यास बुझा सके।
उन्होंने उदाहरण देते हुये कहा कि द्वारिका आदि जगहों में जहां कम वर्षा
होती है वहां लोग जल संचय से सारा काम करते हैं। कहा कि महानगरों में जल
संचय से संबंधित कानून बनाया गया है। जिसके अंतर्गत
...
Read more »
|
महोबा। दो दिन की वर्षा लाखों किसानों को तबाह कर गयी। खेतों में पूरी
तरह बिछ गयी फसलों से बीज बहुरने की उम्मीद भी नहीं रही। कर्जदार सैकड़ों
किसान तंगहाली में बेटी के हाथ पीले करने की चिंता में बेजार है। लहलहाती
फसल देख बेटी की शादी तय कर दी थी। सारी उम्मीदें बिखर गई। अब तय तिथि में
शादी करें तो कैसे।
बीते छह साल से यहां जारी प्रकृति प्रकोप किसी न किसी रूप में किसानों
को जानलेवा साबित हो रहा है। इस वर्ष नवंबर में ठीकठाक वर्षा से रबी की फसल
में बेहतर उत्पादन की उम्मीद थी। बैंक और साहूकारों के कर्ज में दबे
किसानों ने यह फसल देख तरह-तरह के अरमान संजोये थे। सैकड़ों ने इसी की दम
पर बेटी की शादी ठान ली। दो दिन तेज हवा के साथ बारिश क्या हुई किसानों के
लहलहाते अरमान चकनाचूर हो गये। पनवाड़ी विकासखंड के सलारपुरा निवासी लालता
ने पांच एकड़ में विभिन्न फसलें बोई थी। अप्रैल में उसे बेटी की शादी करनी
है। खेत में फसलों की बदहाली देख वह विक्षिप्त सा हो गया है। यही हाल
स्योढ़ी के धर्मपाल का है। छह एकड़ खेत में लगभग पक चुकी फसल बर्बाद होने
से जून में प्रस्तावि
...
Read more »
|
महोबा। अंधता निवारण महज स्वयं सेवी संस्थाओं पर आश्रित है। दस साल
पहले बेहतर चल रहा नेत्र चिकित्सालय अब शोपीस बनकर रह गया है। जिला
चिकित्सालय में नेत्र सहायकों की भारी फौज है। आपरेशन करने वाले कुशल
चिकित्सक के अभाव में यहां के हजारों लोग पड़ोसी जिलों की शरण लेने को
मजबूर है।
दस साल पहले मुख्यालय में बेहतर नेत्र चिकित्सालय हुआ करता था। जिला
चिकित्सालय विकसित होने के बाद इसमें न जाने क्या नजर लगी कि अब भवन के
अलावा यहां चिकित्सा के नाम पर कोई व्यवस्था नहीं रह गई। जिला चिकित्सालय
में प्राय: चिकित्सकों का टोटा बना रहता है। इसके चलते अंधता निवारण अभियान
महज स्वयंसेवी संस्थाओं तक सिमट कर रह गया है। कार्यक्रम प्रभारी डा लाखन
सिंह मानते है कि यहां लंबे समय से नेत्र सर्जन की तैनाती नहीं हुई है।
वर्तमान में तैनात एआर मिश्रा लेंस प्रत्यारोपण नहीं कर पाते। इस कारण
नेत्र रोगियों को आपरेशन के लिये स्वयं सेवी संगठनों पर आश्रित रहना पड़ता
है। वह बताते है कि सीताराम मेमोरियल नेत्र सोसाइटी इलाहाबाद, लोकार्पण
संस्थान महोबा, सतगुरु नेत्र चिकित्सालय चित्रकूट व
...
Read more »
|
हमीरपुर (उत्तर प्रदेश)। हमीरपुर जिला पिछले पांच सालों से दैवी आपदा
से जूझ रहा है। यहां के किसानों की आर्थिक स्थिति सुधाने के लिए
वैज्ञानिकों की राय है कि वे बागवानी, सगंधीय और औषधीय खेती के साथ पशुपालन
करें, तो उनकी तकदीर बदल जायेगी।
पिछले पांच साल से जहां खरीफ की फसल वर्षा, बाढ़ व समय से बारिश न होने
के कारण नहीं हो सकी है। वहीं रबी की फसल तैयार होने पर बारिश व ओले ने
चौपट कर दिया है। जिससे किसान का आर्थिक ढांचा चरमरा गया है। कृषि
वैज्ञानिक डा. सी के राय का मानना है कि किसान खेती के साथ पशुपालन करे, तो
उसे दूध तो मिलेगा ही, उसके गोबर से वह जैविक खाद बना लेगा। जिसके लिए उसे
अतिरिक्त धन नहीं खर्च करना पड़ेगा। दूध से अतिरिक्त आय के साथ घर का
स्वास्थ्य भी बनेगा। डा. एस पी सोनकर का मानना है कि अगर किसी कारण से फसल
खराब होती है, तो उसकी भरपाई वह पशुपालन से कर सकता है। पशुपालन किसान की
अतिरिक्त आय का साधन है। उपनिदेशक कृषि उमेश कटियार का कहना है कि खेती के
साथ बागवानी, सगंधीय व औषधीय खेती से किसान को अतिरिक्त आमदनी का जरिया
बनता है, मगर दैवी आपदा
...
Read more »
|
हमीरपुर (उत्तर प्रदेश)। पिछले तीन दिनों से हो रही बारिश के कारण
फसलों को नुकसान हुआ है, वहीं ठंड फिर वापस लौट आयी है। जिले में 17 मिमी
वर्षा रिकार्ड की गयी है। पूर्व प्रधान हरविशाल साहू, शिवदयाल सचान बताते
हैं कि बारिश से दलहनी, तिलहनी फसल को अधिक नुकसान हुआ है। गेहूं को छोड़कर
सभी के लिय यह पानी हानिकारक है।
गौरतलब है कि यहां का किसान पिछले पांच साल से दैवीय आपदा से जूझ रहा
है। मौदहा में बारिश से किसान बेचैन है। पुरवाई चलने से चने की फसल में रोग
लगने की आशंका है, वहीं खेत गीले होने से तेज हवाओं के चलते फसलें खेत में
बिछ गयी हैं। सत्ते महाराज का कहना है कि फसल को देखकर खुशी थी, मगर इस
बरसात ने बर्बाद कर दिया है। सरीला में बीती रात तेज हवाओं के चलने से
फसलें बिछ गयी हैं। क्षेत्रीय किसानों ने 50 फीसदी से अधिक फसल नुकसान होने
की आशंका जतायी है। कई दिनों से चल रही पछुआ हवाओं ने जमकर कहर बरपाया।
जिससे दलहन तिलहन का उत्पादन प्रभावित होगा। महिपाल सिंह का कहना है कि फूल
झड़े हैं, तो अरविंद कुमार का कहना है कि माहू का प्रकोप बढ़ेगा। जय नारायण
सिंह, र
...
Read more »
|
उरई (जालौन)। अजनारी गांव में एक बस्ती ऐसी भी है जहां पर योजनाएं भी
इसलिए नहीं पहुंच रही है क्योंकि वहां रास्ता ही नहीं है। गरीबी से तंगहाल
अल्पसंख्यकों की इस बस्ती में आज तक सरकार के कारिंदे भी नहीं जा सके। इनकी
भी क्या कहे जब गांव के ही प्रधानजी भी वहां नहीं जा पाते, जिस कारण मलिन
बस्ती से भी बुरी हालत यहां पर नजर आती है जो योजनाओं की मलिनता को उजागर
करती है।
गांवों का विकास, अल्पसंख्यकों का कल्याण हर सरकार अपनी टॉप प्राअर्टी
में बताते हुए नहीं थकती। हर दल उनके वोटों को चाहता है परंतु जिस तरह की
हालत जिला मुख्यालय से मात्र 3 किलोमीटर बसे इस गांव में दिखती है उससे यह
दावे थोथे नजर आते है। मुस्लिमों में नट बिरादरी के लोग यहां पर 50 घरों
में रहते है। आज तक यह घर पक्के नहीं हो पाये, हो भी कैसें जब इनमें रहने
वालों के लिए खाने तक के लाले पड़े रहते है। यही कारण है कोई मजदूरी करता है
तो कोई रिक्शा चलाकर गुजारा करता है। मेहनतकश इन लोगों को हर रोज अपने
घरों में जाने के लिए रास्ते नहीं बल्कि दूसरे का घर ही इस्तेमाल करना पड़ता
है। कारण साफ है कि रास्त
...
Read more »
|
उरई (जालौन)। अगले वित्तीय वर्ष से जल संचयन, भूमि कटाव रोकने व नालों
पर चेकडेम बनाने के लिये जल प्रबंधन का एकीकृत कार्यक्रम सन 2012 तक
बुंदेलखंड में चलाया जायेगा जिसमें 90 प्रतिशत केंद्र सरकार बजट देगी जबकि
10 प्रतिशत राज्य सरकार का अंशदान रहेगा।
यह जानकारी शनिवार को लोक निर्माण विभाग के निरीक्षण गृह में विभागीय
समीक्षा बैठक करते हुये उप्र सरकार के प्रमुख सचिव भूमि विकास एवं जल
संरक्षण योगेश कुमार ने दी। बैठक में रामगंगा कमांड परियोजना के निदेशक
आरएन राम, उरई के उपनिदेशक टीडी शर्मा, बांदा के मुखराम, झांसी के एके गर्ग
व कानपुर के सुदर्शन यादव के अलावा कई जिलों के भूमि संरक्षण अधिकारी
शामिल हुये। प्रमुख सचिव ने कहा कि इस योजना में कोई काम ट्रैक्टरों से
नहीं होगा। श्रमिकों को रोजगार देना योजना का मुख्य उद्देश्य है लेकिन
उन्होंने यह स्पष्ट कर दिया कि तकनीकी जटिलताओं के कारण इसे मनरेगा के तहत
करवाना संभव नहीं है।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने बुंदेलखंड विकास पैकेज के तहत उक्त
एकीकृत परियोजना के लिये बजट का प्रबंध करने का फैसला लिया है।
...
Read more »
|
ललितपुर। विकास खण्ड जखौरा में मनरेगा के अलावा मिडडे मील की स्थिति
ठीक नहीं है। गाव के भ्रमण के लिए निकली नरेगा निगरानी समिति को विसंगतिया
मिल रही है। विकास खण्ड मुख्यालय से ही लगे गावों में विकास कार्यो की
स्थिति ठीक नहीं है। उन्होंने ग्राम अड़वाहा में चौपाल लगाकर नरेगा मजदूरों
की समस्याओं को सुना। निर्णय लिया गया कि विकास खण्ड की बड़ी ग्राम पंचायतों
के अलावा अन्य ग्रामों में मजदूरों के साथ हो रहे खिलवाड़ के सभी तथ्य
अधिकारियों के समक्ष प्रस्तुत किये जायेंगे।
निगरानी समिति के पदाधिकारियों ने कहा कि केन्द्र सरकार ने सभी मजदूरों
को रोजगार देने के उद्देश्य से मनरेगा लागू की थी, लेकिन विकास खण्ड जखौरा
में योजना के साथ जबरदस्त खिलवाड़ हो रहा है। धाधली में लिप्त ग्राम
प्रधानों को संरक्षण देने का कार्य किया जा रहा। उन्होंने अड़वाहा में
निगरानी के दौरान योजना के साथ गम्भीर धाधली बरते जाने की शिकायतें पायीं।
यह भी कहा गया कि दो साल से पंचायत पदाधिकारी जॉब कार्ड रखे हुए है, वह
मनमाने ढग से अंकन कर मजदूरी का भुगतान कर रहे है। ग्रामीणों ने इस दौरान
शिकायते
...
Read more »
|
ललितपुर। बुंदेलखण्ड को अलग राज्य का दर्जा दिये जाने की माग को लेकर
गाव-गाव में जनजागरण अभियान चलाया जा रहा है। जिसके क्रम में ग्राम करमरा
में बुंदेलखण्ड विकास सेना की सभा सम्पन्न हुई। जिसमें गाव के 200 युवाओं
ने सेना की सदस्यता ग्रहण कर प्रात निर्माण आदोलन में कूंदने का संकल्प
लिया।
इस मौके पर आयोजित सभा में वक्ताओं ने कहा कि इस समय पूरा विश्व विकास
की ओर अग्रसर हो रहा। नई प्रौद्योगिकी, तकनीकि माध्यम से आम आदमी का
रहन-सहन, व्यापार, उद्योग, धधे, कृषि आदि में आमूलचूल परिवर्तन आ रहे है
तथा इन परिवर्तनों में सरकारों का अहम योगदान है, परन्तु बुंदेलखण्ड का हाल
दर्दनाक है। यह क्षेत्र सरकार के सहयोग और शिक्षा के विकास से वंचित है
फलस्वरूप बुंदेलखण्ड क्षेत्र वैज्ञानिक प्रगति, खेती, विज्ञान पर आधारित
शिक्षा, स्वास्थ्य व अन्य मूलभूत सुविधाओं से वंचित है। प्रदेशों के
पिछवाडे़ होने की वजह से न तो मध्य प्रदेश सरकार इस क्षेत्र की ओर ध्यान
देती है और न ही उत्तर प्रदेश की सरकार। यदि बुंदेलखण्ड का समुचित विकास
चाहते हों तो उसका एक ही इलाज है अलग राज्य। यह त
...
Read more »
|
झांसी। सीपरी बाजार में ओवर ब्रिज बनने के मामले में राज्य सरकार की
ढील बात को बिगाड़ रही है। रेलवे ने एक बार फिर स्मरण पत्र भेजते हुये
कार्रवाई आगे बढ़ाने को कहा है।
शहर का आकार बढ़ रहा है। सड़क पर वाहनों की रेललपेल बढ़ने से जैम की
समस्या विकराल रूप धारण करती जा रही है। राष्ट्रीय राजमार्ग शिवपुरी के
सीपरी बाजार में सड़क के सिकुड़ने और अनियंत्रित यातायात के चलते वहां हर पल
जैम के हालात बन जाते है।
हालांकि सीपरी बाजार में जैम की समस्या से निपटने के लिये बीते दिनों
प्रशासन ने बैठक कर ओवर ब्रिज के निर्माण को लेकर सभी विभागों से स्टीमेट
मांगा था। इसके बाद विद्युत, वन, पुल व अन्य विभागों ने सर्वे कर अपनी
रिपोर्ट प्रशासन को सौंप दी। बताते है कि ब्रिज के निर्माण में करीब 67
करोड़ रुपये के खर्च होने का अनुमान आंका गया था। इसमें रेलवे का खर्चा अलग
है। प्रशासन ने ब्रिज के निमाण में रेलवे से सहयोग के लिये वार्ता की थी,
क्योंकि पुल के ऊपर से निकली विद्युत लाइन निर्माण के दौरान सबसे बड़ी बाधा
बनेगी। सूत्रों का कहना है कि रेल प्रशासन ने ओवर ब्रिज बनाने
...
Read more »
|
Sitting in her hut in Soopa village
in Mahoba district, Bundelkhand, eight-year-old Juni says she wants to
learn French. She’d like to thank her "godmother”, French journalist
Anne Marie Duthu, in her native tongue. "She can’t speak Hindi, so I
want to learn French and tell her that she means so much to me and my
family,” says little Juni. After visiting the family last year, Duthu
decided to fund the education of Juni and her siblings till the time
they are able to support their widowed mother, Kapoori Devi.
Thirty-eight-year-old
Kapoori Devi’s life was shattered two years ago, when her husband
Brijlal, 45, committed suicide on November 25, 2007, by hanging himself
from a tree—he had failed to repay debts to a moneylender and his
earnings as a farm labourer could not support his family. "I was left
behind with five children to take care of. I wanted to end my life
...
Read more »
|
ApnaBundelkhand.com, New Delhi:To provide irrigation facilities to the drought-prone Bundelkhand region in central India, the Centre has decided to bear bulk of the costs involved.
The Planning Commission and ministry of water resources last week
decided to grant special category status to the impoverished region,
comprising nine districts of Uttar Pradesh and 15 districts in Madhya
Pradesh, for the irrigation projects.
The state governments can now seek 90 per cent grant assistance from the Centre to develop irrigation projects under the accelerated irrigation benefit scheme.
The remaining 10 per cent will be loan. Typically, such a funding from the Centre is in form of 70 per cent loan and 30 per cent grant. Only hill states have been given special category status so far.
In 2009, Congress general se
...
Read more »
|
|
|
|
Bundeli Saints |
|
Visitors |
|
Share
|