Bundeli Gaurav |
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Website Launch on 28.01.2010 at IIC, New Delhi |
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EDITORIAL |
Shri Jagannath Singh, I.A.S.(Retd.) |
अपना बुंदेलखंड डॉट कॉम परिवार के सदस्यों को "रामनवमी" की शुभकामनायें। राम जिन्होंने बुंदेलखंड के चित्रकूट क्षेत्र में संकल्प लिया कि "निश्चर हीन महि करूँ , भुज उठाहि प्रण (Read More)
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Home » Banda
बांदा। गुलाबी गैंग की कमांडर संपत पाल ने
महिला कार्यकर्ताओं के साथ हमीरपुर पुलिस की क्रूरता के विरोध में जोरदार
प्रदर्शन किया। पुलिस उपमहानिरीक्षक को संबोधित ज्ञापन पुलिस अधीक्षक
उपेंद्र कुमार अग्रवाल को सौंपा।
आरोप लगाया कि 9 फरवरी को मौदहा कोतवाली ने अपने अधीनस्थों के साथ
ग्राम सायर निवासी सविता पत्नी भुवनेश सिंह के घर में घुसकर क्रूरता की
हदें तोड़ दीं। बिना महिला पुलिस की मौजूदगी में घर में घुस महिलाओं,
बच्चों व वृद्धों के साथ अभद्र व्यवहार किया। कहा कि खाकीधारियों द्वारा
भुवनेश सिंह व उनके परिजनों को फर्जी केसों में फंसाकर उनका अकारण उत्पीड़न
किया जा रहा है। आरोप लगाया कि मौदहा की क्षेत्रीय पुलिस अपराधियों से
सांठ-गांठ कर समाज के साफ-सुथरे लोगों को दागदार कर रही है। अतर्रा थाना
पुलिस ने कई लोगों के ऊपर गुंडा एक्ट व फर्जी मुकदमें लगाकर जेलों में ठूस
दिया है। अनुसूचित जाति की शिवदेवी व सावित्री को न्याय न देना जैसे
सैकड़ों उदाहरण पुलिस की काली करतूत को उजागर करते हैं। ज्ञापन के माध्यम
से संपत पाल ने पुलिस उपमहानिरीक्षक बीपी त्रिपाठी से मांग की कि पुल
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बांदा। प्रदेश सरकार भले ही अपनी पुलिस की
पीठ ठोंक कर वाहवाही बटोर रही हो पर डकैत उसे अपने भरोसे लायक नहीं बताते।
दस्यु राधे का कहना है कि मध्यप्रदेश की पुलिस जो कहती है करती है। लेकिन
अपने यहां की पुलिस बुलाकर गोली मारने में ही पारंगत है।
आतंक का पर्याय रहे दस्यु सम्राट की पदवी लिये शिवकुमार उर्फ ददुआ के
दाहिने हाथ राधे ने बताया कि बदमाशों के मध्यप्रदेश पुलिस के सामने समर्पण
करने के कई फायदे हैं। बताया कि एमपी पुलिस आत्मसमर्पण के बाद न तो बदमाश
की जान लेती न ही प्रताड़ित करती है। लेकिन उत्तर-प्रदेश की पुलिस बदमाशों
को सिर्फ पकड़कर मारने में ही विश्वास रखती है। राधे का कहना है कि यदि
पुलिस उचित समय से कार्रवाई करे तो अपराध पूरी तरह से खत्म हो सकते हैं।
अपराधियों के पनपने का कारण पुलिस की निष्क्रियता है। क्योंकि गांव का
आदमी पढ़ा-लिखा न होने के कारण छोटी से छोटी घटना से आक्रोशित होकर जंगल
का रूख अख्तियार कर लेता है।
दस्यु ददुआ के आपराधिक जीवन में सबसे चर्चित रामू पुरवा नरसंहार के
बारे में उसने बताया कि इसमें भइया (ददुआ) का कोई हाथ नहीं था। ग्रामीण
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बांदा। राजकीय महिला महाविद्यालय की स्वयंसेवी छात्राओं ने मलिन
बस्तियों ने वाटर हार्वेस्टिंग (जल संचयन) के संबंध में लोगों को जागरूक
किया। रैली निकाल छात्राओं ने नारे लगाये कि 'पानी बचाओ नहीं सब प्यासे मर
जाओगे।'
शहर के मोहल्ला खिन्नीनाका, मढि़यानाका, खुटला, रहुनिया में छात्राओं
ने जल की महत्ता को समझाते हुये रैली निकाली। नागा बाबा व पंचानन मंदिर
परिसर में जल संरक्षण के उपाय बताये। वहीं आम, अमरूद, अनार, जामुन, गुडहल
आदि के पौधों की निराई-गुड़ाई कर पौंधों तक निर्बाध रूप से पानी पहुंचाने के
लिये छोटी-छोटी नालियों का निर्माण किया। इस दौरान आयोजित गोष्ठी में
कार्यक्रम अधिकारी मीना कुमारी ने शिविरार्थी छात्राओं को संबोधित करते
हुये कहा कि गरीब अपनी बस्ती में एक बावड़ी का श्रमदान कर निर्माण करें
जिसमें वर्षा जल का संचय हो। जो खेती एवं जानवरों की प्यास बुझा सके।
उन्होंने उदाहरण देते हुये कहा कि द्वारिका आदि जगहों में जहां कम वर्षा
होती है वहां लोग जल संचय से सारा काम करते हैं। कहा कि महानगरों में जल
संचय से संबंधित कानून बनाया गया है। जिसके अंतर्गत
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बांदा। शासन की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ
ज्यादातर अपात्र ले जाते हैं। इसमें बिचौलिये की भूमिका हमेशा से रही है।
अब उनकी नजर महामाया गरीब आर्थिक मदद योजना पर है। इस पर अंकुश लगाने के
लिए प्रशासन पहले से चौकन्ना है। पात्रों के चयन को लेकर रिवेन्यू पद्धति
लागू की गयी है।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री मायावती ने अपने जन्मदिन पर गरीबों को
राहत देने के लिए महामाया गरीब आर्थिक मदद योजना की शुरुआत की है। योजना
में गरीबों को चिन्हित कर उन्हें तीन सौ रुपये प्रतिमाह दिये जाने का
प्रावधान है। इसमें गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले (बीपीएल
कार्डधारक) परिवारों के साथ-साथ ऐसे लोगों को चिन्हित किया जायेगा जिन्हें
विधवा व वृद्धावस्था पेंशन और अंत्योदय योजना का लाभ मिल रहा है। इसके
अलावा ऐसे गरीब परिवार इसमें शामिल किये जायेंगे जो वास्तव में गरीब हैं
और सरकारी योजनाओं के लाभ से पूर्णतया वंचित हैं। योजना में बिचौलियों की
भूमिका को ध्यान में रख समाज कल्याण विभाग ने चयन की ऐसी पद्धति लागू की
है जिसमें अपात्रों को लाभ मिलने की गुंजाइश ही नहीं बची। सर्वे की
जिम्मेदारी ले
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अतर्रा (बांदा)। प्रस्तावित 132 केवी के
विद्युत पावर हाउस का निर्माण शीघ्र कराये जाने की मांग व्यापार सभा ने की
है। विद्युत कटौती तथा लो वोल्टेज समस्या का जिक्र कर पावर कारपोरेशन
महाप्रबंधक को पत्र लिख सूचित किया है।
कस्बे में विद्युत कटौती तथा लो वोल्टेज की समस्या को देखते हुए
विद्युत विभाग ने 132 केबी विद्युत पावर हाउस का प्रस्ताव किया था।
पूर्ववर्ती विद्युत एसडीओ एसके त्रिपाठी इसके लिए काफी प्रयासरत थे।
प्रस्तावित पावर हाउस मूर्त रूप ले पाता कि उनका तबादला हो गया। सपा के
व्यापार सभा जिलाध्यक्ष विजय कुमार गुप्त ने महाप्रबंधक पावर कारपोरेशन को
पत्र भेज बताया कि गर्मी का मौसम आ रहा है। बिजली का भीषण संकट खड़ा हो
जायेगा। कस्बा विद्युत कटौती, लो-वोल्टेज की समस्या से परेशान है। व्यापार
में भी बुरा असर पड़ रहा है। जनहित में देखते हुए शीघ्र निर्माण कराया जाना
आवश्यक है जिससे कस्बावासियों को विद्युत का समुचित लाभ मिल सके।
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बांदा। सात साल से कम सश्रम कारावास की सजा पाने वाले कैदियों को मंडल
कारागार में रहकर खेती व बागवानी के साथ पाकशाला और आटा चक्की में मशक्कत
करनी पड़ती है। जिसके एवज में सजायाफ्ता कैदियों को दस रुपये प्रतिदिन के
हिसाब से मेहनताना भी दिया जाता है।
मंडल कारागार में मंगलवार को 1074 कैदी बंद थे। इनमें 834 कैदियों का
विभिन्न मामलों पर अदालतों मे ट्रायल चल रहा है। जबकि 240 कैदी विभिन्न तरह
के अपराधों में दोष सिद्ध होने की वजह से सश्रम कारावास की सजा काट रहे
हैं। इनमें कुछ साल से लेकर अधिकतम सात साल तक की सजा पाये कैदी शामिल हैं।
इन 240 कैदियों को सश्रम कारावास की सजा के हिसाब से जेल परिसर में मौजूद
4.10 एकड़ जमीन में खेती का कार्य कराया जाता है। इसके अलावा इनसे पाकशाला,
सफाई व्यवस्था व आटा चक्की में श्रम लिया जाता है। इन सजायाफ्ता बंदियों के
मेहनत के बदले प्रतिदिन 10 रुपये मेहनताना भी मिलता है। इस राशि में 15
प्रतिशत प्रतिकर की कटौती की जाती है। यह राशि उन लोगों को दी जाती है जिसे
इन सजायाफ्ता कैदियों ने प्रताड़ित किया है। लेकिन खास बात यह है कि अभी त
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बांदा। मनरेगा के तहत प्रत्येक विकास खंड को हर माह 30 करोड़ रुपये
खर्च करने का लक्ष्य दिया गया है। लेकिन लक्ष्य को दरकिनार कर गांवों में
कामों को प्राथमिकता नहीं दी जा रही। बनसखा में काफी समय से मनरेगा के
कार्य ठप हैं।
मुख्य विकास अधिकारी हीरामणि मिश्र ने महुआ विकास खंड के गांव बनसखा का
निरीक्षण किया तो वहां माडल तालाब, मिट्टी का कार्य, खड़ंजा समेत कई कामों
की कमी मिली। ग्रामीणों ने पंचायत सचिव के बारे में बताया कि वह गांव में
यदा-कदा आते ही हैं उनसे बात भी ठीक से नहीं करते। पंचायत मित्र के बारे
में पूछे जाने पर उसे अनुपस्थित बताया गया। इस पर सीडीओ ने खंड विकास
अधिकारी को निर्देशित किया कि पंचायत सचिव का स्पष्टीकरण प्रस्तुत कर
पंचायत मित्र का मानदेय अग्रिम आदेशों तक रोक दिया जाये।
ग्राम प्रधान ने सीडीओ से बताया कि मनरेगा के तहत कराये जा रहे कार्यो
में मिट्टी लेने से रोकने के लिए ग्रामीणों द्वारा बाधा उत्पन्न की जा रही
है। खेत से मिट्टी न दिये जाने के कारण काम ठप है। इसके अलावा प्राथमिक
विद्यालय भवन में बाउंड्री वाल न होने, गांव में सफ
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बांदा। ग्रामीण अभियंत्रण विभाग द्वारा
अंबेडकर गांवों में कराये गये विकास कार्यो पर असंतोष व्यक्त करते हुए
प्रदेश के अंबेडकर ग्राम्य विकास राज्य मंत्री रतनलाल अहिरवार ने हिदायत
दी कि फाइलों में नहीं धरातल में काम की प्रगति दिखाई देनी चाहिये।
सोमवार को लोक निर्माण विभाग के निरीक्षण गृह में जनपद में चयनित 15
अंबेडकर गांवों के संपर्क मार्ग, सीसी रोड, पुनर्निर्माण की मंत्री ने
समीक्षा की। अधिशासी अभियंता विपिन पचौरिया ने बताया कि सड़कों की मरम्मत
के लिए चार करोड़ का प्रस्ताव भेजा गया। इसमें सीसी रोड में पांच करोड़ 56
लाख रुपये व्यय हो चुका है। अधिशासी अभियंता विद्युत ने विद्युतीकरण का
कार्य शत-प्रतिशत पूरा होने की जानकारी दी। बताया कि राजस्व ग्रामों में
सोडियम लाइटों का काम पूरा हो चुका है। एक हजार आबादी को आधार मानकर
सोडियम लाइटें लगायी जा रही हैं। समाज कल्याण अधिकारी एसजे फारुखी ने
बताया कि 48 हजार 345 वृद्धावस्था, दस हजार विधवा, छह हजार विकलांग पेंशन
के लाभार्थी हैं। शेष पात्र लाभार्थियों को गरीब मदद योजना से आच्छादित
किया जायेगा। 3356 स्वच्छ शौचालय, लक्ष्य
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बांदा। यूजीसी द्वारा वेतनमान की
संस्तुतियों को लागू करने की मांग पर अड़े बुंदेलखंड विश्वविद्यालय शिक्षक
संघ (बूटा) ने विश्वविद्यालयीय परीक्षा बहिष्कार करने का ऐलान किया है।
संघ के अध्यक्ष डॉ. राजीव रत्न द्विवेदी ने बताया कि विश्वविद्यालय,
महाविद्यालय, शिक्षक महासंघ के आवाहन पर यह निर्णय लिया गया है। उन्होंने
कहा कि पुनरीक्षित वेतनमान का वास्तविक लाभ एक जनवरी 06 से दिया जाये।
बताया कि शासन के प्रमुख सचिव के साथ इस मामले को लेकर हुयी बातचीत में
कोई निर्णय नहीं हो सका। कहा कि शासनादेश के 11 माह व्यतीत होने पर भी
भत्तों के लिए कोई पहल नहीं की गयी। इसके खिलाफ सत्र 2010 में होने वाली
विश्वविद्यालयीय प्रायोगिक एवं लिखित परीक्षा संबंधी कार्यो का संपूर्ण
बहिष्कार किया जायेगा।
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बांदा। गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन करने
वाली भूमिहीन महिलाओं ने कलक्ट्रेट परिसर में प्रदर्शन किया। जिलाधिकारी
को संबोधित ज्ञापन सिटी मजिस्ट्रेट रणविजय सिंह को सौंपा।
सदर तहसील क्षेत्र के ग्राम दुरेड़ी, काशीपुर, कहला, दौलतपुर, माधौपुर,
बोधीपुरवा, छोटेपुरवा, शिवपुर, जमवारा आदि गांव केन नदी के किनारे बसे है।
इन गांवों की दर्जनों महिलाओं ने ज्ञापन कहा कि वह बीपीएल कार्ड धारक है।
नदी किनारे की जमीन में सब्जियां उगाकर परिवार का भरण-पोषण करते हैं।
भूमिहीन होने के बावजूद अभी तक जिला प्रशासन द्वारा उन्हें ग्राम समाज की
खाली जमीनों पर पट्टे नहीं किये, जिससे उनको परिवार के भरणपोषण में
परेशानी हो रही है। उन्होंने मांग की कि उन्हें केन किनारे मौरंग के साथ
जमीन का पट्टा दिलवाया जाये। इससे उनके बच्चों का भरणपोषण हो सके।
मौके पर फूला, मीरा, रमरतिया, केसर, गुड़िया, श्यामा, बिट्टन,
कौशिल्या, रामा, लक्ष्मीदेवी, शिवकुमारी, बिंदी, फुलिया, सत्ती,
रामकुमारी, मुन्नी, कलावती, रुकमिन सहित कई महिलायें मौजूद थी।
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