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1:09 PM
वर्षा से चकनाचूर हुए सपने, कैसे हो बेटियों के हाथ पीले
महोबा। दो दिन की वर्षा लाखों किसानों को तबाह कर गयी। खेतों में पूरी
तरह बिछ गयी फसलों से बीज बहुरने की उम्मीद भी नहीं रही। कर्जदार सैकड़ों
किसान तंगहाली में बेटी के हाथ पीले करने की चिंता में बेजार है। लहलहाती
फसल देख बेटी की शादी तय कर दी थी। सारी उम्मीदें बिखर गई। अब तय तिथि में
शादी करें तो कैसे।
बीते छह साल से यहां जारी प्रकृति प्रकोप किसी न किसी रूप में किसानों
को जानलेवा साबित हो रहा है। इस वर्ष नवंबर में ठीकठाक वर्षा से रबी की फसल
में बेहतर उत्पादन की उम्मीद थी। बैंक और साहूकारों के कर्ज में दबे
किसानों ने यह फसल देख तरह-तरह के अरमान संजोये थे। सैकड़ों ने इसी की दम
पर बेटी की शादी ठान ली। दो दिन तेज हवा के साथ बारिश क्या हुई किसानों के
लहलहाते अरमान चकनाचूर हो गये। पनवाड़ी विकासखंड के सलारपुरा निवासी लालता
ने पांच एकड़ में विभिन्न फसलें बोई थी। अप्रैल में उसे बेटी की शादी करनी
है। खेत में फसलों की बदहाली देख वह विक्षिप्त सा हो गया है। यही हाल
स्योढ़ी के धर्मपाल का है। छह एकड़ खेत में लगभग पक चुकी फसल बर्बाद होने
से जून में प्रस्तावित बेटी की शादी कैसे होगी, यह समस्या है। गौनगुढ़ा के
जवाहर लाल, मसूदपुरा के अमान सिंह, हैवतपुरा के उत्तम खंगार व देवीसिंह आदि
सभी पांच सात एकड़ के लगभग जमीन के काश्तकार है। सभी पहले ही बैंकों से
शक्ति कार्ड व ग्रीन कार्ड बनवा कर्ज ले चुके है। साहूकारों से कर्ज ले खून
पसीना एक कर फसलें तैयार की थी। तेज हवा और पानी से सपने ध्वस्त हो गये।
सभी की बेटियों की शादी आगे एक दो महीने में होनी तय है। परेशानी है खेती
से तो बीज ही वापस नहीं आना। ऐसे में शादी हो भी तो कैसे। यही हाल जैतपुर
विकासखंड के अरघटमऊ के श्रीधर यादव, तिजवा श्रीवास, सुरेश, रामूपुरा के
हरिश्चंद्र गुप्ता, लखनलाल पटेल, बुढ़ी के नारायण, जग्गी, परशु, बछेछर के
टुटियां अहिरवार, जगतराज, जैलवारा के वीरसिंह, चंद्रभान, गोविंददास सेन,
अजनर के नारायणदास विश्वकर्मा, देवीदीन अनुरागी आदि का है। यह वह किसान है
कि जो पहले ही तंगहाली और कर्ज से गृहस्थी का बोझ ढोने में लाचार थे।
उम्मीद थी कि रबी की ठीकठाक उपज घर के हालात बदल देगी। सयानी बेटियों के
हाथ पीले कर वह पिता होने का फर्ज निभा लेंगे पर हाय री प्रकृति महज 48
घंटे में इन गरीबों के सपनों के सारे घरौंदे मिट्टी में मिल गये। सवाल है
कैसे होगी ऐसे ही और सैकड़ों किसानों की बेटियों की शादी।