चित्रकूट। देश भर से आये संतों ने मां मंदाकिनी के जल में आचमन कर
श्री चित्रकूट धाम की चौरासी कोस की वृहद परिक्रमा का प्रारंभ जानकीकुंड के
श्री भगवत आराधना स्थल मैथली गली से कर दिया। लगभग सौ साधुओं के जत्थे ने
भगवान कामतानाथ के पूर्वी द्वार में माथा टेककर परिक्रमा के भीतरी भाग से
अपनी यात्रा प्रारंभ की। यह चौरासी कोस की वृदह यात्रा लगभग इक्कीस दिनों
में पूरी होगी।
यात्रा का पहला पड़ाव खोही गांव परिक्रमा मार्ग में भागवताचार्य आचार्य
नवलेश दीक्षित की भागवत कुटीर में था। यहां पहुंचने पर श्री दीक्षित ने
यात्रा के संयोजक महामंडलेश्वर प्रेम दास जी महराज व गोबिंद दास जी महाराज
का स्वागत किया। यात्रा ने यहा से अपना मार्ग बदला और खोही ग्राम के अंदर
से होते हुये शिवरामपुर मार्ग पर आगे रामशैया में गिरधर श्याम फाउंडेशन
द्वारा चलायी जा रही गौशाला पर पहुंची। यहां पर यात्रा का स्वागत विधायक
सदर दिनेश मिश्र, नगर पंचायत अध्यक्ष नीलांशु चतुर्वेदी, हेमराज चतुर्वेदी,
पवन हाजरा, चंद्रिका प्रसाद शुक्ल, भोले राम शुक्ल, राम सुफल मिश्र आदि ने
किया। यहां पर साधू समाज ने गायों की सेवा करने पर फाउंडेशन के दीपक
गिलानी व उनकी टीम को साधुवाद दिया। यात्रा अपने पहले पड़ाव भरतकूप के भरत
मंदिर पर पहुंचकर विश्रामित हो गई।
यात्रा के संयोजक महन्त गोबिंद दास जी ने बताया इस यात्रा में नेपाल,
हरिद्वार, नासिक, वृन्दावन, इलाहाबाद, मथुरा,अयोध्या, राजस्थान, गुजरात,
केदारनाथ, बद्रीनाथ, काशी, तिरुपति, अमरकंटक आदि तीर्थ क्षेत्रों के साधु
संत भाग ले रहे हैं। इस यात्रा की व्यवस्था का भार सुनीलदास पटेल बाबा,
नारायण दास, राम सजीवन शरण, मधुसूदन व सिया राम कर रहे हैं।