उरई (जालौन)। अगले वित्तीय वर्ष से जल संचयन, भूमि कटाव रोकने व नालों
पर चेकडेम बनाने के लिये जल प्रबंधन का एकीकृत कार्यक्रम सन 2012 तक
बुंदेलखंड में चलाया जायेगा जिसमें 90 प्रतिशत केंद्र सरकार बजट देगी जबकि
10 प्रतिशत राज्य सरकार का अंशदान रहेगा।
यह जानकारी शनिवार को लोक निर्माण विभाग के निरीक्षण गृह में विभागीय
समीक्षा बैठक करते हुये उप्र सरकार के प्रमुख सचिव भूमि विकास एवं जल
संरक्षण योगेश कुमार ने दी। बैठक में रामगंगा कमांड परियोजना के निदेशक
आरएन राम, उरई के उपनिदेशक टीडी शर्मा, बांदा के मुखराम, झांसी के एके गर्ग
व कानपुर के सुदर्शन यादव के अलावा कई जिलों के भूमि संरक्षण अधिकारी
शामिल हुये। प्रमुख सचिव ने कहा कि इस योजना में कोई काम ट्रैक्टरों से
नहीं होगा। श्रमिकों को रोजगार देना योजना का मुख्य उद्देश्य है लेकिन
उन्होंने यह स्पष्ट कर दिया कि तकनीकी जटिलताओं के कारण इसे मनरेगा के तहत
करवाना संभव नहीं है।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने बुंदेलखंड विकास पैकेज के तहत उक्त
एकीकृत परियोजना के लिये बजट का प्रबंध करने का फैसला लिया है। प्रत्येक
जिला पहले प्राइम प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार कर ले क्योंकि इसी के सापेक्ष
बजट की व्यवस्था होगी। उन्होंने कहा कि जिलाधिकारियों को भी हिदायत दी
जायेगी कि जिला योजना के तहत उक्त कार्यक्रमों के लिये एक ही जगह पूरा बजट
निर्गत कराये ताकि मानक में गड़बड़ी की स्थिति पैदा न हो सके।
इसके पहले उन्होंने इस वर्ष से संचालित एकीकृत जल विकास परियोजना व
सूखोन्मुख विकास कार्यक्रम के तहत अभी तक की प्रगति का जायजा भी लिया।
उन्होंने कहा कि एकीकृत जल प्रबंधन कार्यक्रम के लिये ब्लाक स्तर पर
समितियां बनेंगी जो पूरे कार्यक्रम पर निगाह रखेंगी।