अपना बुंदेलखंड डॉट कॉम परिवार के सदस्यों को "रामनवमी" की शुभकामनायें। राम जिन्होंने बुंदेलखंड के चित्रकूट क्षेत्र में संकल्प लिया कि "निश्चर हीन महि करूँ , भुज उठाहि प्रण (Read More)
बांदा। शासन की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ
ज्यादातर अपात्र ले जाते हैं। इसमें बिचौलिये की भूमिका हमेशा से रही है।
अब उनकी नजर महामाया गरीब आर्थिक मदद योजना पर है। इस पर अंकुश लगाने के
लिए प्रशासन पहले से चौकन्ना है। पात्रों के चयन को लेकर रिवेन्यू पद्धति
लागू की गयी है।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री मायावती ने अपने जन्मदिन पर गरीबों को
राहत देने के लिए महामाया गरीब आर्थिक मदद योजना की शुरुआत की है। योजना
में गरीबों को चिन्हित कर उन्हें तीन सौ रुपये प्रतिमाह दिये जाने का
प्रावधान है। इसमें गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले (बीपीएल
कार्डधारक) परिवारों के साथ-साथ ऐसे लोगों को चिन्हित किया जायेगा जिन्हें
विधवा व वृद्धावस्था पेंशन और अंत्योदय योजना का लाभ मिल रहा है। इसके
अलावा ऐसे गरीब परिवार इसमें शामिल किये जायेंगे जो वास्तव में गरीब हैं
और सरकारी योजनाओं के लाभ से पूर्णतया वंचित हैं। योजना में बिचौलियों की
भूमिका को ध्यान में रख समाज कल्याण विभाग ने चयन की ऐसी पद्धति लागू की
है जिसमें अपात्रों को लाभ मिलने की गुंजाइश ही नहीं बची। सर्वे की
जिम्मेदारी लेखपालों को सौंपी गयी है जिसमें पहले ग्राम पंचायत सचिव,
कानूनगो, नायब तहसीलदार, तहसीलदार फिर एसडीएम की अंतिम मोहर लगेगी। ऐसे
में माना जा रहा है कि योजना में लाभार्थियों का चयन पारदर्शिता पूर्ण
होगा। समाज कल्याण अधिकारी एसजे फारूकी बताते हैं कि लाभार्थियों के चयन
का प्रारूप पत्र पांच-पांच हजार की संख्या में प्रत्येक विकास खंड अधिकारी
और उपजिलाधिकारियों को भेजा जा चुका है। शीघ्र ही चयन प्रक्रिया शुरू हो
जायेगी।