सागर. महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण
रोजगार गारंटी स्कीम के 100 कैमरों में से महज 50 कैमरे इंजीनियरों ने
जिला पंचायत कार्यालय में जमा किए हैं। जिला पंचायत सीईओ ने 20 दिन पहले
सागर सहित जिले की सभी जनपद पंचायतों के इंजीनियरों से मनरेगा के कैमरे
वापस मांगे थे।
अब तक आधे कैमरे ही वापस आए हैं,सागर और बंडा जनपद को छोड़कर अन्य
जनपदों के इंजीनियर इन्हें वापस करने के प्रति गंभीर नहंीं हैं। कैमरों की
वापसी पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्रालय के आदेश पर हो रही है।
पिछले वर्ष जिला पंचायत के तत्कालीन सीईओ श्रीनिवास शर्मा के कार्यकाल
में राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी मद से 10 लाख रुपए खर्च करके 100
कैमरे खरीदे गए थे।
गारंटी योजना के तहत पंचायतों में होने वाले विकास कार्यो की तस्वीर
कैद करने के लिए यह मनरेगा के इंजीनियरों को बांटे गए थे। 10 लाख की खरीदी
के इस मामले में फिलहाल मंत्रालय ने इंजीनियरों से कैमरे वापस लेने के
निर्देश दिए हैं।
गौरतलब है कि मनरेगा में नियुक्त इंजीनियरों की संख्या महज 75 है। इसके
बावजूद 100 कैमरे खरीदे और बांटे गए थे। कैमरे इंजीनियरों के हाथों में है
कि अन्य लोगों के हाथ में ।
यह खुलासा पूरे कैमरे जमा होने के बाद हो सकेगा।त्रिस्तरीय पंचायत
चुनाव की व्यस्तता के कारण जिला पंचायत के मनरेगा सेल से इंजीनियरों को
कैमरे के मामले में रिमाइंडर जारी नहीं हो सके हैं।
संभावना है कि 50 कैमरों को वापस लेने के लिए अगले सप्ताह तक संबंधित
जनपद सीईओ एवं इंजीनियरों को नोटिस जारी होंगे। मालथौन, खुरई, बीना,
केसली, देवरी, राहतगढ़, जैसीनगर, रहली और शाहगढ़ जनपद के कुछ इंजीनियरों
ने कैमरे लौटाए हैं तो कई इंजीनियर अपने पास रखे हैं।जिला पंचायत सीईओ
आरके त्रिपाठी कहते हैं कि कैमरों की यह वापसी रिअलाटमेंट के लिए हो रही
है।