झांसी। सिंचाई के लिए बूंद-बूंद पानी का उपयोग कर रबी फसल में भरपूर
उत्पादन लेने हेतु किसी प्रकार स्प्रिंकलर व ड्रिप सिंचाई प्रणाली पर
अनुदान की घोषणा के बाद आवेदन किए गए, किन्तु काश्तकार स्प्रिंकलर सेट लेने
का साहस नहीं जुटा पा रहे है।
गौरतलब है कि बुन्देलखण्ड में जल संचयन योजना के अन्तर्गत कृषकों को
सिंचाई सुविधा हेतु स्प्रिंकलर व ड्रिप सिंचाई प्रणाली के अन्तर्गत
स्प्रिंकलर सेट की खरीद में अनुसूचित जाति व जनजाति, लघु-सीमात श्रेणी के
पात्र कृषकों को शत-प्रतिशत अनुदान एवं सामान्य श्रेणी के कृषकों को 75
प्रतिशत अनुदान सुविधा दी जा रही है।
पात्र लाभार्थियों का चयन ग्राम पंचायत स्तर पर ग्राम प्रधान की
अध्यक्षता में आयोजित बैठकों में किया गया। बैठकों के प्रस्ताव व लाभार्थी
के आवेदन पत्र नामित सहायक विकास अधिकारी कृषि, विषय वस्तु विशेषज्ञ द्वारा
एकत्रित करके सम्बन्धित उप सम्भागीय कृषि प्रसार अधिकारी से सत्यापित
कराके उप कृषि निदेशक को उपलब्ध कराए गए।
नियमानुसार यह लाभ उन्हीं को मिलेगा, जहा पम्पिंग सेट बोरिग, बंधिया,
नदिया आदि सिंचाई के स्त्रोत हों। प्रणाली की स्थापना कृषि विभाग के किसी
अधिकारी तथा निर्माता कम्पनी के अधिकृत प्रतिनिधि की संयुक्त देखरेख में
होना है। योजना के तहत झासी में 2696, जालौन में 3033, ललितपुर में 2022
स्पि्रंकलर सेट हेतु आवेदन दिए गए।
स्थिति यह रही कि अभी तक झासी में 559, ललितपुर में 710, जालौन में
12433 स्प्रिंकलर सेट ही उठाए जा सके है, जबकि रबी फसल की मात्र दो सिंचाई
ही बाकी रह गई है। ऐसे में स्पि्रंकलर सेटों का शत-प्रतिशत लाभ उठा पाना
मुश्किल दिखाई दे रहा है। झासी में तो 15 जनवरी को मुक्ताकाशी मंच पर किसान
मेला में चयनितों को स्वीकृति पत्र प्रदान कर दिए गए थे, किन्तु उनमें से
अधिकाश ने अभी तक सम्बन्धित प्रपत्रों की खानापूर्ति नहीं की है। उप कृषि
निदेशक अनिल कुमार द्वारा बार-बार आवेदन करने वालों से इसके लिए अपील की जा
रही है।