अपना बुंदेलखंड डॉट कॉम परिवार के सदस्यों को "रामनवमी" की शुभकामनायें। राम जिन्होंने बुंदेलखंड के चित्रकूट क्षेत्र में संकल्प लिया कि "निश्चर हीन महि करूँ , भुज उठाहि प्रण (Read More)
कुलपहाड़ (महोबा)। राजनीतिक व प्रशासनिक स्तर पर हो रही नगर की उपेक्षा से
आजिज आये नगरवासियों ने अब एक गैर राजनीतिक संगठन को गठित करने की कवायद
शुरू की है। होली के पहले गठित होने जा रहे कुलपहाड़ विकास मंच के माध्यम
से नगरवासी अब इसके विकास के लिए स्वयं संघर्ष करेंगे। उल्लेखनीय है कि
आजादी के छह दशक बाद भी कुलपहाड़ की उपेक्षा बदस्तूर बरकरार है। सबसे बड़ा
तहसील मुख्यालय होने के बाद भी नगर को अभी तक विधानसभा का दर्जा नहीं दिया
गया है। इससे आहत प्रवक्ता राधेलाल यादव, कांग्रेस नेता यादवेंद्र सिंह,
सपा नेता आनंद यादव, समाजसेवी मुहम्मद शाकिर, किसान नेता बलराम पटैरिया
आदि ने स्थानीय समस्याओं के लिये संघर्ष करने को कुलपहाड़ विकास मंच का
गठन करने की कवायद शुरू कर दी है। वह बताते हैं कि तहसील क्षेत्र में 272
गांव है। जबकि चरखारी तहसील में महज 85 गांव है इसके बावजूद चरखारी
विधानसभा है। यहां अब तक डिग्री कालेज, पालीटेक्निक, आईटीआई, मंडी समिति,
फायर स्टेशन जैसी मूलभूत सुविधाएं नहीं है। चुना जाने वाला विधायक बहुधा
बाहरी क्षेत्र के रहे। इस कारण उन्होंने यहां के विकास को कोई तरजीह नहीं
दी। सरकारी योजनाएं भ्रष्टाचारी की भेंट चढ़ गयी है। ऐसे में नगर के लोगों
ने अब संघर्ष का बिगुल फूंकने का निर्णय लिया है। इनका कहना है कि गैर
राजनैतिक रूप से गठित हो रहा यह मंच नगर के विकास और सामाजिक सेवाओं के
प्रति समर्पित रहेगा।