सागर.
सरकार द्वारा शकर के कोटे में 177 मेट्रिक टन कटौती किए जाने के कारण
गरीबों को अब सिर्फ डेढ़ किलो सस्ती मिठास से संतोष करना पड़ेगा। बाजार
में जब से शकर के दाम बढ़े हैं तभी से उचित मूल्य दुकानों पर सस्ती शकर का
टोटा बना हुआ है।
जनवरी में लीड संस्थाओं द्वारा नागरिक आपूर्ति निगम के गोदाम से शकर का
पूरा उठाव न किए जाने के कारण 75000 से अधिक गरीबों को 13.50 रुपए
प्रतिकिलो वाली शकर नहीं मिली थी।
सरकार ने इस बार शकर का कम कोटा दिया है।
इस कारण फरवरी में उचित मूल्य की दुकान पर प्रत्येक कार्डधारी को 2
किलो के बजाए सिर्फ डेढ़ किलो मिलेगी। जिले में पौने तीन लाख से ज्यादा
गरीब कार्डधारी हैं। सरकार ने इनके लिए 580 मेट्रिक टन के स्थान पर सिर्फ
403 मेट्रिक टन शकर का कोटा रिलीज किया है।
कोटा घट जाने की वजह से खाद्य विभाग जिले की सभी शासकीय उचित मूल्य की
दुकानों के सेल्समैन को निर्देश दिए है कि वे प्रत्येक कार्डधारी गरीबों
को डेढ़ किलो शकर दें। कारण है कि 2 किलो के मान से शकर का वितरण करने पर
सभी कार्डधारियों को मिठास नहीं मिल पाती।
प्रभारी खाद्यनियंत्रक आरएम सिंह कहते है कि सरकार ने कम कोटा जारी किया
है। इस कारण कार्डधारियों को २ किलो शकर के बजाए सिर्फ 1.50 किलो शकर ही
दी जाएगी। लीड संस्थाओं को ८ फरवरी तक पूरी खाद्य सामग्री का उठाव करने के
निर्देश दिए गए हैं।
10 किलो गेहूं मिलेगा
जिले की सभी शासकीय उचित मूल्य की दुकानों में इस माह सामान्य कार्ड
वाले उपभोक्ताओं को 7 रुपए प्रति किलो के भाव से १क् किलो गेहूं दिया
जाएगा। पिछले माह तक इन्हें ५ किलो गेहूं दिया जाता रहा है। इस बार एपीएल
गेहूं के कोटे में हुई बढोत्तरी के चलते 10 किलो गेहूं दिए जाने का निर्णय
लिया गया है।