झांसी। सहरिया आदिवासियों ने आज रैली कर
अधिकार व सम्मान दिलाने के लिए मध्यप्रदेश की तरह जनजाति का दर्जा व
आरक्षण दिलाने की मांग की। इसके पहले आदिवासियों ने बस स्टैण्ड से कचहरी
के बीच जुलूस निकालकर शक्ति प्रदर्शन किया। आदिवासियों ने उप जिलाधिकारी
के सामने जनपद में जमीन के पट्टें व राशन सामग्री नहीं मिलने का मुखर
विरोध किया।
एकता परिषद के तत्वावधान में बुन्देलखण्ड के सहरिया आदिवासियों ने आज
जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन किया। शिक्षा भवन परिसर में हुई सभा में सहरिया
समाज के गोपाल सहारिया, भागीरथ व मेवा ने आपबीती सुनाते हुए कहा सहरिया
समाज को सम्मान व पहचान के साथ जनजाति का दर्जा भी हासिल नहीं है। सभा को
सम्बोधित करते हुए एकता परिषद के राष्ट्रीय संयोजक डॉ. रनसिंह परमार ने
कहा कि समाज के साथ हुए ऐतिहासिक अन्याय को महसूस कर उन्हे इज्जात के साथ
रोटी की गारण्टी सरकार व समाज को लेना होगा। सहरियों को जीवन जीने के
बुनियादी संसाधनों जल, जंगल जमीन से बेदखली और विस्थापन का खेल बन्द करना
ही पड़ेगा। अन्याय व जुल्म के खिलाफ अब सहरिया समाज को संगठित होकर लड़ाई
लड़नी पड़ेगी। सभा को भदन्त ज्ञानेश्वर, हरगोविन्द कुशवाहा, उदयभान सिंह
मध्यप्रदेश, सतीश मिश्रा, मनीष राजपूत राजस्थान, द्विजेन्द्र विश्वात्मा
आदि ने विचार व्यक्त किए। अध्यक्षता राष्ट्रीय भूमि सुधार समिति के सदस्य
रमेश शर्मा ने की। संचालन प्रदेश प्रभारी राकेश दीक्षित ने किया। इस मौके
पर स्वाति दीक्षित, डॉ. राजीव शुक्ला, रमाकान्त पाराशर आदि
उपस्थित रहे। रैली में झाँसी के साथ महोबा, ललितपुर के सहरिया समाज की लोग शामिल हुए।
सभा के दौरान मुख्यमंत्री के नाम 18 सूत्रीय ज्ञापन अपर नगर
मजिस्ट्रेट प्रथम ज्ञानेश्वर प्रसाद को सौंपा गया। इसमें मनरेगा, पेंशन,
राशन वितरण, स्वच्छता, इन्दिरा आवास, विशेष पट्टा अभियान व वनाधिकार समेत
अन्य सरकारी सुविधाएं दिलाए जाने की मांग की। इस दौरान उपस्थित आदिवासी
महिलाओं व पुरुषों ने राशन, पट्टा आदि नहीं मिलने की हाथ उठाकर शिकायत की।