अपना बुंदेलखंड डॉट कॉम परिवार के सदस्यों को "रामनवमी" की शुभकामनायें। राम जिन्होंने बुंदेलखंड के चित्रकूट क्षेत्र में संकल्प लिया कि "निश्चर हीन महि करूँ , भुज उठाहि प्रण (Read More)
महोबा। सरकारी रोजगार योजनाओं से हौले-हौले जिले की औद्योगिक तस्वीर
बदल रही है। खादी ग्रामोद्योग ने बीते एक साल में 80 लोगों को ऋण स्वीकृत
कर उन्हें विभिन्न रोजगारों से जोड़ा है। यद्यपि कोई अहम औद्योगिक इकाई
स्थापित नहीं हो सकी। फिर भी टैंपो, आटा चक्की और आयल मिल के लिये ऋण ले
विकास की धारा से जुड़ने की कवायद जारी है।
खादी ग्रामोद्योग के जिला प्रबंधक एके शर्मा बताते है कि जारी वित्तीय
वर्ष में उन्हें मुख्यमंत्री रोजगार योजना के तहत 74 लाभार्थियों को ऋण
देने का लक्ष्य दिया गया था। इसके सापेक्ष सभी 74 की पत्रावलियां स्वीकृत
कर उन्हें ऋण उपलब्ध करा दिया गया है। इस योजना में अधिकतम पांच लाख रुपये
तक का ऋण दिया जाता है। बावजूद इसके ज्यादातर मामले ट्रैक्सी के लिये ऋण
लेने के है। तमाम लोगों ने इस धन से आटा चक्की और आयल मिल भी लगाई है।
दूसरी अहम योजना प्रधानमंत्री रोजगार सृजन की है। इसके तहत निर्धारित
लक्ष्य 14 के सापेक्ष 11 पत्रावलियां स्वीकृत की गई। इसमें छह लोगों को ऋण
राशि उपलब्ध कराई जा चुकी है। उद्योगों की स्थापना का क्रम जारी है। इस
योजना में 25 लाख रुपये तक का ऋण दिया जाता है। जिसमें सामान्य अभ्यर्थी को
25 फीसदी अनुदान व चार फीसदी ब्याज देय है। जबकि महिला ओबीसी, एससी,
भूतपूर्व सैनिक व विकलांगों को 35 प्रतिशत अनुदान देय है पर इन्हें बैंक का
निर्धारित ब्याज देना होता है। जबकि मुख्यमंत्री रोजगार योजना में सभी
अभ्यर्थियों को मात्र चार फीसदी ब्याज देना होता है। खादी ग्रामोद्योग का
कार्य क्षेत्र जनपद के ग्रामीण अंचलों में है। मुख्यालय व शहरी क्षेत्र में
इन योजनाओं का संचालन महाप्रबंधक उद्योग के कार्यालय से किया जाता है।