सागर. बुंदेलखंड क्षेत्र के विकास और पृथक
बुंदेलखंड राज्य को लेकर राहुल गांधी के बयान के बाद इस मुद्दे पर
राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देश
पर शुक्रवार को पन्ना में एक विशेष बैठक होने जा रही है, किंतु दूसरी ओर
बुंदेलखंड के विकास के लिए ढाई वर्ष पूर्व बनाए गए प्राधिकरण की दुर्दशा
कार्यालय की स्थापना, संचालन और क्षेत्र के विकास को लेकर आइना दिखा रही
है।
ढाई वर्ष पूर्व इसके गठन के समय दावे किए गए थे कि इसके माध्यम से
बुंदेलखंड के 6 जिलों सागर, छतरपुर, टीकमगढ़, दमोह, पन्ना और दतिया में
विकास की नई तस्वीर नजर आएगी लेकिन इसकी भूमिका ग्राम पंचायतों की तरह
गांवों में पांच लाख की लागत के सीसी रोड और यात्री प्रतीक्षालय बनाने तक
ही सीमित रह गई।
इतना ही नहीं उधार के सिंदूर की तरह किराए के टूरिस्ट बंगले में चल रहे
प्राधिकरण में अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का एक-एक पद एक वर्ष से खाली है। छह
जिलों के अनुपात में छह लोगों का स्टाफ तक नहीं है। बिल न भरने से पानी
सप्लाई बंद हो चुकी है। सदस्यों के बैठने के लिए पर्याप्त कक्ष और फर्नीचर
नहीं है।
उधार का स्टाफ-
प्राधिकरण के पास खुद का अमला नहीं है। यहां कार्यरत तीन लोगों के स्टाफ
में दो बाबू, एक चपरासी शामिल हैं। ये सभी शिक्षा विभाग से यहां
प्रतिनियुक्ति पर हैं। कम्प्यूटर ऑपरेटर का एक पद रिक्त है। इसके अलावा
एकाउंटेंट और अधीक्षक का पद भी आज तक नहीं भरा जा सका।
बुंदेलखंड का विकास यानी सीसी रोड
छह जिलों में विकास के लिए आवंटित 8 करोड़ 80 लाख 76 हजार रुपए की राशि का
80 फीसदी सीसी रोड बनाने में खर्च किया गया। 20 फीसदी राशि अन्य कार्य
जैसे तालाब गहरीकरण, यात्री प्रतीक्षालय, कूप निर्माण के लिए दी गई।
हो रहे हैं बुंदेलखंड में विकास कार्य
प्राधिकरण के अंतर्गत वही कार्य कराए गए हैं जो राज्य या केंद्र सरकार की
विकास योजनाओं में शामिल नहीं है। सर्वाधिक कार्य सीसी रोड निर्माण के
हुए। अन्य कार्य भी कराए गए हैं।-अनिल कुमार द्विवेदी, सीईओ, बुंदेलखंड विकास प्राधिकरण