सागर. स्वास्थ्य मंत्री के पीए के निर्देश
पर यहां के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय के एक कर्मचारी
को स्थानांतरण के तीन माह बाद भी रिलीव नहीं किया जा सका। जबकि उसी के साथ
स्थानांतरित हुई 2 महिला कर्मचारियों को आदेश मिलते ही तत्काल नवीन
कार्यस्थल पर रवाना कर दिया गया था।
एक को छोड़ बाकी सब रिलीव
संचालनालय स्वास्थ्य सेवाएं म.प्र. भोपाल के आदेश क्र. प.क. सेल-8
-09-1770 दिनांक 20 अक्टूबर 09 के तहत उपस्वास्थ्य केंद्र तालचिरी के
एमपीडब्ल्यू दीपक नौरिया, उपस्वास्थ्य केंद्र केसली की एएनएम शारदा
अहिरवार एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की एएनएम निर्मला सक्सेना का
तबादला क्रमश: पन्ना, टीकमगढ़ एवं दमोह किया गया था।
आदेश आने के कुछ दिन बाद दीपक को छोड़कर शेष सभी कर्मचारियों को रिलीव
कर दिया गया। बताया जाता है कि दीपक को सीएमएचओ कार्यालय के कतिपय
अधिकारी-कर्मचारियों से सांठ-गांठ के चलते रिलीव करने में कोताही बरती जा
रही है।
रिलीविंग में पीए का हस्तक्षेप!
कर्मचारियों के तबादले कराने व रुकवाने में राजनीति से जुड़े लोग
सक्रिय रहते हैं। दीपक नौरिया के मामले में यह बात सिद्ध हो रही है। श्री
नौरिया का तबादला होने के बाद भी उन्हें रिलीव नहीं करने के मामले में
वकील डीके तिवारी ने सूचना के अधिकार के तहत गत 31 दिसंबर को एक आवेदन
सीएमएचओ कार्यालय में दिया था।
जिसके जवाब में सीएमएचओ डॉ. प्रमोदकुमार गोदरे ने उन्हें बताया कि 10
नवंबर 09 को विभागीय मंत्री अनूप मिश्रा के पीए ने दूरभाष पर कहा था कि
श्री नौरया को रिलीव नहीं किया जाए। आगे उन्होंने बताया कि इस संबंध में
उन्होंने 10 नवंबर 09 को स्वास्थ्य विभाग के आयुक्त मनोहर अगनानी को एक
पत्र भेजकर मार्गदर्शन मांगा था। हालांकि 12 जनवरी 10 को रिमाइंडर लैटर
भेजे जाने के बाद भी वहां से कोई जवाब नहीं आया है।
मार्गदर्शन मांगा है।
तबादला होने के बाद रिलीव नहीं करने के इस मामले में सीएमएचओ डॉ. गोदरे
का कहना है कि दीपक नौरया या अन्य किसी भी कर्मचारी का तबादला होने के बाद
भी उसे रिलीव करने में उनकी कोई रुचि नहीं है।
इस संबंध में 9 नवंबर को ही एक आदेश जारी कर बीएमओ जसीनगर को दीपक का
कार्यभार किसी अन्य कर्मचारी को देने के लिए कहा गया था। लेकिन इसी दौरान
मंत्रीजी के पीए का फोन आ गया और सारी प्रक्रिया रुक गई। फिलहाल मैंने
विभागीय आयुक्त से इस संबंध में मार्गदर्शन मांगा है।