उरई (जालौन)। मौसम के पांसे किसानों के
खिलाफ ही पड़ रहे है। राष्ट्रीय खाद सुरक्षा मिशन के तहत जालौन जिले को
दलहन की पैदावार बढ़ने के कार्यक्रम में शामिल किया गया है। यहां की
मिट्टी भी इसके लिये मुफीद है। यही वजह है कि यहां रबी में दलहनी फसलों की
बुआई ज्यादा की जाती है। पर 1 से 21 जनवरी तक यहां इस कदर सर्दी पड़ी कि
दलहन किसानों के होश गुम हो गये।
जिले में मौसम 2 दिन से सुधार पर है। शुक्रवार को दिन भर धूप निकली
रही लेकिन शाम को कोहरा छा गया जिससे आज सुबह तापमान फिर नीचे चला गया था
लेकिन 12 बजे तक न केवल कोहरा पूरी तरह छट गया बल्कि चटख धूप भी निकल आयी।
इससे लोग काफी राहत में रहे। हालांकि इसके पहले किसानों का संक्रांति से
वसंत पंचमी तक पड़ी भीषण सर्दी में भारी नुकसान हो चुका है। मसूर, मटर, चना
की फसल जिन पर फूल आ चुके थे मौसम की इस मार की वजह से कुम्हला गर्इं।
माहू ने अलग नुकसान किया। कीटनाशक की अनुपलब्धता से नुकसान में और
बढ़ोत्तरी हो गई।
कृषि विज्ञानी डा. राजीव कुमार सिंह का कहना है कि हो सकता है कि
ज्यादा सर्दी से दलहनी फसलों को थोड़ा बहुत नुकसान हुआ हो लेकिन गेहूं के
लिये मौैसम वरदान रहा है। उम्मीद है कि इस बार गेहूं की रिकार्ड पैदावार
होगी। दूसरी ओर किसान यूनियन के अध्यक्ष राजवीर सिंह जादौन, किसान संघ के
अध्यक्ष साहब सिंह चौहान, किसान संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष सनमान सिंह ने
कहा है कि दलहनी फसलों में मौसम के विपरीत प्रभाव से पैदावार में 25
प्रतिशत तक की कमी आयेगी।