चित्रकूट। महाशिवरात्रि के विशेष पर्व पर
धर्म नगरी चित्रकूट में डा. राम मनोहर लोहिया द्वारा परिकल्पित राष्ट्रीय
रामायण मेले के 37 वें आयोजन की शुरुआत सूबे के कैबिनेट मंत्री कुंवर
बादशाह सिंह दोपहर तीन बजे करेंगे। इस मौके पर जहां देश भर से आये राम कथा
के मर्मग्यों व विद्वानों का जमघट रहेगा वहीं स्थानीय लोगों के साथ ही
साधू संतों का भी आगमन होगा। जहां एक तरफ मेले में चार चांद लगाने के लिये
प्रदर्शनियों का लगना प्रारंभ हो चुका है वहीं बच्चों के लिये झूले आदि
लगने भी चालू हो चुके हैं। पिछले तीन दिनों से पंडाल, विद्युत व
लाउडस्पीकरों को लगाये जाने का काम भी जारी है।
राष्ट्रीय रामायण मेले के स्वागताध्यक्ष डा. करुणा शंकर द्विवेदी ने
बताया कि सभी अखाड़ों के महंत क्षेत्र के साधू संतों के साथ दोपहर को
रामघाट निर्मोही अखाड़े से अपने निशानों के साथ शोभा यात्रा निकालेंगे। यह
यात्रा रामघाट होते हुये डा. लोहिया सभागार में पहुंचेगी। यहां पर यात्रा
का स्वागत करने के साथ ही संतों महन्तों की पूजा अर्चना की जायेगी। इसके
बाद प्रदेश के कैबिनेट मंत्री कुंवर बादशाह सिंह मेले का विधिवत उद्घाटन
करेंगे। इसके बाद वे सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग के साथ ही हस्तशिल्प व
अन्य प्रदर्शनियों का भी शुभारंभ करेंगे। शाम के सत्र में रामलीला का
आयोजन होगा।
तैयारियां अंतिम चरण में
जहां एक तरफ राष्ट्रीय रामायण मेले के प्रांरभ होने में कुछ ही घंटे
बचे हैं वहीं सभी कामों में लगे लोग अपना काम निपटाने में लगे हुये हैं।
बिजली विभाग, जल संस्थान, नगर पालिका, लोक निर्माण विभाग के अधिकारी परिसर
में कामों को देखते नजर आये। वहीं नगर पालिका की हाइड्रोलिक मशीन पिछले दो
दिनों से कर्वी और सीतापुर मार्ग पर लगी स्ट्रीट लाइटों को सुधारने के काम
को निपटाते हुये पर्यटक तिराहे तक पहुंच गयी। नगर पालिका के सफाई कर्मचारी
भी अपने काम में मुस्तैदी से जुटे हुये थे। जल संस्थान के जूनियर इंजीनियर
आरके पांडेय अपने कर्मचारियों के साथ नल ठीक कराने में लगे हुये थे।
प्रदर्शनियों में अपने-अपने स्टालों को लगाने की होड़ लगी हुई थी। बिजली व
लाउडस्पीकर के साथ ही टेन्ट के कारीगर भी अपने काम को अंतिम रुप दे रहे
थे।