पृथक बुन्देलखण्ड के साथ हरित प्रदेश, पूर्वाचल, विदर्भ व तैलंगाना राज्यों के
लिए मध्य प्रदेश के जिला टीकमगढ़ के ओरछा धाम में फरवरी 2010 के प्रथम सप्ताह में
आदोलन की साझा रणनीति बनेगी। इसके लिए ओरछा में किसान महा पंचायत का आयोजन किया गया
है।
इस महा पंचायत के साझा मंच पर बिहार से लालू यादव, राम विलास पासवान, हरित
प्रदेश के चौधरी अजित सिंह, पूर्वाचल के नेता अभिनेता मनोज तिवारी, शतरुद्ध प्रकाश,
अंजना प्रकाश, डा. सनंजय, विदर्भ से दत्त मेघे, विजय जाम्बडिया के साथ बुन्देलखण्ड
के हिमायती संगठनों के सभी नेता एकजुट होकर एक ताकत के रूप में हुकार भरेगे।
यह निर्णय हरित प्रान्त के अगुवा चौधरी अजित सिंह के नई दिल्ली स्थित आवास पर आज
हुई छोटे राज्यों के हिमायती संगठनों के नेताओं की बैठक में लिया गया। इस दौरान
बुन्देलखण्ड मुक्ति मोर्चा के केन्द्रीय अध्यक्ष राजा बुन्देला ने बुन्देलखण्ड
राज्य के मुद्दे को प्रमुखता से उठाया। बैठक में सभी छोटे राज्यों के आदोलनों को
धार देने के लिए ओरछा धाम का चयन किया गया।
बैठक में राज्य पुनर्गठन आयोग के झमेले में नहीं फंसने का निर्णय लिया गया। इसके
लिए तर्क दिया गया कि जब बिना राज्य पुनर्गठन आयोग के छत्तीसगढ़, झारखण्ड,
उत्तराखण्ड बन सकते है तो फिर अन्य छोटे राज्य क्यों नहीं। राजा बुन्देला ने बताया
कि इस महा पंचायत के साझा मंच से सभी छोटे राज्यों के हिमायतियों द्वारा मार्च में
बजट सत्र में संसद को घेरने की भी रणनीति को अंतिम रूप दिया जाएगा।
इधर, बुन्देलखण्ड राज्य के लिए अपनी-अपनी ढफली, अपना-अपना राग के अलापों पर भी
विराम लगाने की पहल बुन्देलखण्ड मुक्ति मोर्चा द्वारा शुरू कर दी गई है। सभी को महा
पंचायत के साझा मंच पर लाकर एक ताकत के साथ केन्द्र एवं उत्तर प्रदेश व मध्य प्रदेश
की सरकारों पर दबाव बनाने के लिए तैयार कर लिया गया है। बुमुमो के अध्यक्ष ने बताया
कि इस सम्बन्ध में सभी संगठनों के प्रमुखों से वार्ता हो चुकी है।
उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश व मध्य प्रदेश में बंटे बुन्देलखण्ड के किसानों
को महा पंचायत के माध्यम से जागरुक कर आदोलन से जोड़ा जाएगा, जिसके लिए तैयारिया
शुरू कर दी गई है।