ललितपुर। विगत दिवस कड़ाके की ठण्ड और कोहरे
के कारण पान की खेती तबाह हो गई, जिससे पान उत्पादक किसानों के सामने
रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है। तुषार के कारण पान के पत्ते सूख गये।
प्रभावित किसानों ने जिला प्रशासन से गुहार लगाते हुये पूर्व की भाति इस
बार भी पान की खेती की जाच करवाकर उचित मदद दिलाये जाने की गुहार लगाई है।
पान किसानों और समस्याओं का चोली दामन का साथ है। बड़ी मेहनत और लगन के
साथ पान के पत्तों को बच्चों की तरह संभालने के बाद जब पत्तों की बेल
तैयार हो जाती है तो किसानों को मुनाफे की आश बंध जाती है, लेकिन पूर्व के
वर्षो की भाति इस बार भी पान की खेती को किसी की नजर लग गई और विगत दिवस
हुई हाड़ कंपकंपा देने वाली ठण्ड व कोहरे ने पान की खेती पर ऐसा कहर बरपाया
कि लगभग 80 फीसदी फसल बर्बाद हो गई। फसल को बर्बाद होते देख किसान हाथ-हाथ
धरे बैठे देखते रह गया। फसल तो तबाह हो ही गई, इसके साथ ही उनके मंसूबे भी
खाक में मिल गये। पीड़ित पान उत्पादक किसानों ने आज उपजिलाधिकारी राकेश
कुमार मिश्र को एक ज्ञापन सौंपकर अवगत कराया कि क्षेत्र के लगभग अस्सी
ग्रामों के लोग पाली की पान कृषि पर आश्रित है। इसके अलावा आजीविका का कोई
और दूसरा साधन नहीं है। विगत कई वर्षो से पान की खेती पर प्राकृतिक आपदाओं
ने भारी तबाही मचाई है। वर्ष 2004 की 30 अक्टूबर की शाम को आसमान से कहर
बनकर टूटे ओलों ने पान फसल को तबाह कर दिया था। इसी प्रकार 18 जून 06 की
रात्रि को भीषण अगिन् काण्ड में 30 लाख रुपये के पान खाक हो गये थे।
ज्ञापन में कहा गया कि हाल ही में कोहरे व ठण्ड के कारण पान की खेती
बर्बाद हो गई, जिससे करीब 12 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। पान की खेती
तबाह होने के कारण चौरसिया पान कृषक भुखमरी की कगार पर आ गये है। यही कारण
है कि क्षेत्र से उनका पलायन लगातार जारी है। उन्होंने उपजिलाधिकारी से
प्रभावित क्षेत्रों की जाच करवाकर आर्थिक मदद दिलाये जाने की माग की है।
इस मौके पर बसपा जिलाध्यक्ष चतुर्भुज अहिरवार, सासद प्रतिनिधि बंटी
सरदार, विधायक प्रतिनिधि दामोदर पटेल, चौरसिया समाज अध्यक्ष नन्दकिशोर
चौरसिया, खेमचंद चौरसिया, कैलाश चौरसिया, केशवदास चौरसिया, संजीवकुमार
चौरसिया, कस्तूर चंद चौरसिया, महेन्द्र चौरसिया, रामकुमार चौरसिया,
राजकुमार चौरसिया के अलावा बड़ी संख्या में प्रभावित किसान मौजूद रहे।