चित्रकूट। नये जमाने की नयी सोच और यह सोच
ताजा हवा के झोंके की तरह कुछ इस तरह दिलों के भीतर गई कि तमाम करणीय
सुझावों पर मुहर न केवल ग्राम्य विकास मंत्री ने लगाई, बल्कि विधायक और
जिलाधिकारी ने संकल्प भी लिया कि 'चित्रकूट संसद' में आये प्रस्ताव करणीय
हैं। चित्रकूट को अगर विकसित होने के सोपानों पर देखना है तो यहां पर आये
प्रस्ताव करके ही ऐसा संभव होगा।
कोहरे के छटने के बाद जब मीडिया व स्वयंसेवी संगठनों की साझा पहल
'चित्रकूट संसद' के सभापति आलोक द्विवेदी ने आसन संभाला तो जैसे सूर्य देव
भी अपने पूरे वेग से आलोकित हो उठे। ग्राम्य विकास मंत्री दद्दू प्रसाद ने
कहा कि वास्तव में यह उनके लिये अनुकरणीय दस्तावेज है। आगे भी इसमें सुझाव
जुड़ते रहेंगे, जिससे जिले के विकास को करने में आसानी होगी। कृषि
विश्वविद्यालय की स्थापना जिले में शीघ्र होगी, चित्रकूट- खजुराहो परिपथ
का निर्माण भी जल्द ही प्रारंभ हो जायेगा। रिंग रोड़ के प्रस्ताव के साथ
ही मीटिंग में ही सूर्य कुंड के पास मंदाकिनी में एक नये पुल को बनाने के
लिये प्रस्ताव भी लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों से मांगा।
उन्होंने कहा कि तमन्ना सच्ची होती है तो मंजिलें मिल ही जाती हैं,
तमन्ना झूठी होती है तो बहाने भी मिल ही जाते हैं। मध्य प्रदेश क्षेत्र की
विधानसभा चित्रकूट के विधायक सुरेन्द्र सिंह गहरवार ने कहा कि तीर्थ
क्षेत्र के वैभव को बढ़ाने के लिये न केवल उनकी सरकार पूरी तरह कृत
संकल्पित है बल्कि वे भी लगातार इसके लिये अपनी तरफ से प्रयास कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के पर्यटन स्थल के रुप में
चित्रकूट को विकसित करने के चित्रकूट डिस्टेनेशन मेगा प्रोजेक्ट के तहत
पच्चीस करोड़ रुपये आने के बाद सड़क, बिजली के साथ ही मंदाकिनी नदी के
स्रोतों को पुर्नजीवित करने के प्रयास किये जा रहे हैं। इसके साथ ही मध्य
प्रदेश पर्यटन विभाग ने 6 करोड़ व मंदाकिनी को प्रदूषण से मुक्त कराने के
लिये नदी जल संरक्षण योजना के तहत 6 करोड़ रुपये स्वीकृत हो चुके हैं। यह
साझा प्रयास स्वागत योग्य है। चित्रकूट संसद के प्रकल्पक गोपाल भाई ने सभी
का स्वागत कर भविष्य के चित्रकूट के नव निर्माण की रुपरेखा से अवगत कराया।
जिलाधिकारी विशाल राय ने कहा कि जब आम आदमी अपने आपको जिम्मेदार समझना
प्रारंभ कर देगा तभी क्षेत्र का विकास संभव होगा। संस्थान के निदेशक भागवत
प्रसाद ने कार्यक्रम की रुपरेखा बताते हुये नियोजन विभाग द्वारा बीमार
जिलों में शामिल इस जिले के पिछड़ेपन का चिट्ठा सामने रखा। संयोजन अर्चन
ने किया। कार्यक्रम के दौरान जिले भर के सभी अधिकारी और सभी राजनैतिक
पार्टियों के प्रमुख लोग मौजूद रहे।